मंगलवार, 10 सितंबर 2013

गणेश चतुर्थी भाग 2.

गणेश चतुर्थी पूजन के लिए 11 मन्त्र 
ऋण से मुक्ति के लिए
"ऊँ गणेश ऋणं छिन्धि वरणयं हुं नमः फट"
इस मन्त्र की एक माला का जाप करें।

संकट नाश के लिए
"ऊँ नमो हेरम्ब मदमोहित मम संकटान निवारय स्वाहा"
इस मन्त्र की 1 माला का जाप करें।

वशीकरण के लिए
"ऊँ श्रीं गं सौम्याय गणपते वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा"
निम्न मन्त्र की 5 माला का जाप करें।

किसी तान्त्रिक क्रिया को नष्ट करने के लिए
"ऊँ वक्रतुंडाय हुम"
इस मन्त्र का जाप करते वक्त मुंह में पान, सुपारी, 
लौंग, इलायची, गुड़ आदि होना चाहिए। 
इसकी साधना में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होगा।

आलस्य, निराशा, कलह व विपत्ति नाश के लिए
"गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः"
मन्त्र की कम से 2 माला का जाप करें।


धन व आत्मबल प्राप्ति के लिए
"ऊँ गं नमः"
निम्न मन्त्र की एक माला का जाप करें|

आर्थिक समृद्धि व रोजगार प्राप्ति के लिए
"ऊँ श्रीं गं सौभ्याय गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा"
इस मंत्र की एक माला का जाप करें।

विवाह में आने वाली बाधाओं के लिए
"ऊँ वक्रतुण्डैक दंष्टाय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं में स्वाहा"
मंत्र की कम से कम 1 माला का जाप करने से विवाह में आने 
वाली बाधायें दूर होगी और सुन्दर जीवन साथी प्राप्त होगा।

सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिये
"गं गणपते नमः"
मन्त्र का जाप करने से लगभग सभी प्रकार की 
मनोकामनायें पूर्ण होगी।

विद्या अध्ययन करते समय, विवाह के समय, 
भवन में प्रवेश करते समय, यात्रा करते समय, 
रोजगार के शुभारम्भ में, किसी भी शुभ कार्य 
करते समय गणेश के बारह नाम लेने से 
कार्यो में किसी भी प्रकार की अड़चने नहीं आयेंगी।
गणपति के 12 नाम
1- सुमुख, 2- एकदन्त, 3- कपिल, 4- गजकर्ण, 
5- लम्बोदर, 6- विकट, 7- विनायक, 8- धूम्रकेतु,
 9- गणाध्यक्ष, 10- भालचन्द्र, 11- गजानन, 12- विघ्रनाशन।

गणेश के बारह नामों के अर्थ
इन नामों का अर्थ- 
1- सुन्दर मुख वाले, 2- एक दांत वाले,
3- कपिल वर्ण के, 4- हाथी के कान वाले, 
5- लम्बे पेट वाले, 6- विपत्ति का नाश करने वाले, 
7-न्याय करने वाले, 8- धुये के रंग वाली पताका वाले,
 9- गुणों के अध्यक्ष, 10- मस्तक में चन्द्रमा धारण करने वाले 
11- हाथी के समान मुख वाले और 12- विघ्‍नों को हरने वाले।
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