गुरुवार, 12 सितंबर 2013

प्रभु सृजनकार है

प्रभु निराकार है महिमा अपरमपार है 
सारे विश्व का प्रभु, तू ही सृजनकार है 

धरती बनाई तूने,सब चाँद और सितारे 
नदियाँ बनाई तूने, जंगल,पहाड़ सारे 
सूरज की चमक में, तू ही करतार है 
सारे विश्व का प्रभु, तू ही सृजनकार है /

माता पिता तुम्ही हो,बन्धु सखा तुम्ही हो 
दिन रात गर्मी सर्दी बरसात में तुम्ही हो 
जलनिधि में जल के भरे हुए भण्डार हैं 
सारे विश्व का प्रभु, तू ही सृजनकार है /

मानव का सुन्दर चोला पाया है तुम्हीं से 
फल फूल प्यारे प्यारे सुगन्ध है तुम्ही से 
तू ही इस जीवन का सर्वोच्च आधार है 
सारे विश्व का प्रभु, तू ही सृजनकार है /

जन्म मरण है तुमसे, घृणा प्रेम तुमसे 
दीन दुखी निर्बल आंसू ख़ुशी है तुमसे 
तू ही विघ्नहर्ता ,तू ही लगाता पार है 
सारे विश्व का प्रभु, तू ही सृजनकार है /

प्रभु निराकार है महिमा अपरमपार है 
सारे विश्व का प्रभु, तू ही सृजनकार है 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...