सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

करवाचौथ भाग 1.

करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के पंजाबउत्तर प्रदेशमध्य प्रदेश, और राजस्थान का पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती(सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब ४ बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है।ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियाँ करवाचौथ का व्रत बडी़ श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं।  शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। 

व्रत की तैयारी :----

एक दिन पहले ही व्रत की सब तैयारी कर ली जाती है | इसमें श्रृंगार का सामान चूड़ी,सिंधूर,बिंदी, 
लिपस्टिक मेंहदी वगेरह लाई जाती है |
जिनकी नई शादी होती है उनके मायके से सब सामान जिसे बया कहा जाता है ,जो सास ,
ससुर को भेंट स्वरूप देते हैं आता है | सास ,ससुर बहु को सरगी देकर व्रत की शुरुआत करते हैं  ,
जिसमें मिठाई ,फल, फैनियाँ और श्रृंगार का सामान या पैसे दिए जाते हैं जिससे अपनी इच्छा 
अनुसार बहुएं ले आती हैं |

सुबह 4 बजे उठकर स्नान आदि करके श्रृंगार करके सुहागिनें सरगी खाती हैं इसके बाद 
 बाकी दिन कथा की तैयारी में और तैयार होने में निकल जाता है |

शाम को 4 बजे के करीब कथा के लिए सब स्त्रियाँ  इक्कठी होती हैं फिर कथा की जाती है जिसमें 
सब अपनी थाली में जो बया लेकर आती हैं वो बटाते हैं |
थाली बटाते हुए सब साथ साथ बोलते हैं 
ले वीरो कुड़िये करवरा ले सर्व सुहागन करवरा ... 

पंजाबी व्रत कथा ,विडियो 




कथा सुनने के बाद सब बहुएं अपने से बड़ों के पैर छूती हैं और घर जाकर रात के खाने में 
लग जाती हैं |इसके बाद चाँद के निकलने का इंतज़ार किया जाता है पूरा दिन कोई 
सिलाई बुनाई का काम नहीं किया जाता है |


इंतज़ार के बाद जब चाँद निकल आता है तो उसे अर्घ्य देते हैं जैसा हमारी सासु जी बोलती 
थी वोही हम भी बोलते हैं | सिर धड़ी,पैर कड़ी, अर्घ्य दे  सर्वसुहागन चौबारे खड़ी


अर्घ्य देने के बाद सास ससुर और पति के पैर छू कर आशीर्वाद लिया जाता है और सास 
ससुर को जो बया मनसते हैं वो देते हैं |इसके बाद पति को खाना देकर खुद भी खाते हैं ,
इस तरह यह व्रत सम्पूर्ण होता है  
पंजाबी 
ता ता 



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