बुधवार, 6 नवंबर 2013

हनुमान मंदिर चलिया भाग 3.

तीसरा दिन :--
आज मंगलवार है 29.10.2013 ...
हनुमान जी का वार ..
आज 6.45 पर घर से निकल गई थी जैसे ही मेट्रो से पहुंचकर मंदिर का रास्ता लिया ..
तो सब कुछ बदला बदला सा था ..
क्योंकि आज मंगलवार था इसलिए अब एक के स्थान पर बहुत सारे जूते चप्पल के रखवाले बैठे थे और सारा आलम ही बदला हुआ था ...


जूते चप्पल वाले

सब भिखारी जल्दी से पंक्ति में आकर बैठ गए हैं ..... अलग अलग जगह पर


 

केले वाले प्रसाद वाले सभी बाकी दिनों की बजाये ज्यादा हैं ,कचौरी वाले चाय वाले फूल वाले सब जगह फैले हुए हैं .....
मंदिर में भी भीड़ बढ़ने लगी है ..
हनुमान जी की मूर्ति जो की प्रवेश करते ही सामने नजर आती है उसके आगे आज बहुत सारे दिये प्रज्वलित हुए हैं.... 



गर्भ गृह के अन्दर हनुमान जी की प्रतिमा के आगे बहुत भीड़ रहती है और सबसे बड़ी बात वहां औरतों और पुरुषों को अलग अलग जाना पड़ता है औरते बाएँ तरफ से आगे बढती हैं और पुरूष लोग दायें तरफ से ....



गर्भ गृह में भीड़ 

इस बारे में गद्दी पर बैठे महंत जी से बात हुई थी ,मंगलवार को और शनिवार को बस बीच में बैरियर लगा दिए जाते हैं हर जगह सेवक तैनात रहते हैं ,अपने सामान की पर्स मोबाइल की सुरक्षा आपको स्वयं करनी पड़ती है ....मतलब कोई सिस्टम नहीं है ....
जल्दी ही अपने कुछ मित्रों की मदद से हम इसे सुधारने की कोशिश करेंगे अगर मंदिर प्रशासन हमें इसकी इज़ाज़त देता है तो .......
हनुमान प्रतिमा का आज फिर से रजत श्रृंगार किया गया है ...



हनुमान प्रतिमा के बिलकुल बराबर में है श्री राम लक्ष्मण और सीता मैया की प्रतिमा है ...
इसके आगे मंगलवार और शनिवार को एक और हनुमान प्रतिमा रख दी जाती है क्योंकि बाएं तरफ से आने वाली महिलाएं मुख्य प्रतिमा तक नहीं पहुँच पाती हैं इसलिए उनके प्रसाद का भोग इसी प्रतिमा को लगाया जाता है 



जानते हैं बाकी मदिर की व्यवस्था और मंदिर में स्थापित तस्वीरों के बारे में अगले भाग में ...
कल मिलते हैं कुछ और खट्टे मीठे अनुभवों के साथ ......

हनुमान मंदिर चलिया भाग 4.क्रमशः ......

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