गुरुवार, 7 नवंबर 2013

हनुमान मंदिर चलिया भाग 4.

आज बुद्धवार है .... 30.10.2013....
आज घर से निकलने में थोड़ी देर हो गई है 7.05 हो चुके हैं ..
इसलिए सड़क पर चहलकदमी शुरू हो चुकी है बहुत सारी स्कूल वैन का आना जाना लगा हुआ है ...
पैदल चलने वाले लोग भी जल्दी जल्दी अपने गंतव्य पर पहुँचने को बेताब हैं ...
मैं भी जल्दी से मेट्रो स्टेशन पहुँच गई हूँ लेकिन आज देरी के कारण भीड़ अधिक हो गई है इसलिए मुझे मेट्रो में सीट नहीं मिली है ऐसे ही एक कोने में खड़ी हो गई हूँ सबको देख रही हूँ कौन क्या कर रहा है ?
तीन दिन से यही हो रहा था क्योंकि मुझे कानों में लगा कर सुनने की आदत नहीं है इसलिए आज मैं एक पुस्तक ले आई हूँ कुछ लेखकों की कविताएँ हैं इसमें ...
28 रचनाकारों का एक साँझा संकलन है बारी बारी सबको जानने की कोशिश कर रही हूँ मुझे यही समय का उचित प्रयोग नजर आया इसलिए पुस्तक पढने में लगी हूँ .....
ठीक समय पर राजीव चौक पहुँच चुकी हूँ और जल्दी से बाहर निकल गई हूँ क्योंकि मेरे पास स्मार्ट कार्ड है जिसके कुछ लाभ आपको बताती हूँ ...
1. आपको लम्बी पंक्तिओं में नहीं लगना पड़ता है | 
2. समय की बचत होती है |
3. भागदौड़ से बच जाते हो |
4. इसमें आपको डिस्काउंट भी मिलता है 10% का |
5.स्मार्ट कार्ड रिचार्ज की लम्बी पंक्तियाँ नहीं लगती हैं | 
6. अब आप अपने आप रिचार्ज कर सकते हैं हर स्टेशन पर इसकी मशीनें रख दी गई हैं |
7.अब एक और सुविधा इसकी आप घर बैठे ऑनलाइन रिचार्ज भी कर सकते हैं |
8.सबसे बड़ा फायदा अगर आप कहीं बाहर से आए हैं तो आते ही टोकन लेने के बजाये स्मार्ट कार्ड बनवाएं जितने दिन प्रयोग हो करें उसके बाद वापिस कर दें आपकी बकाया राशि आपको वापिस मिल जाएगी |
.... इतनी सुविधाएँ तो आखिर कोई क्यों नहीं लेगा स्मार्ट कार्ड ...

मंदिर पहुंचकर माथा टेका है आज फिर हनुमान जी का रजत श्रृंगार किया गया है इस के बाद परिक्रमा कर जल्दी से बाहर आ गई हूँ 



मोहन सिंह पैलेस के सामने यह भिखारी लोग उठने शुरू हो चुके हैं और अपनी अपनी दिनचर्या में व्यस्त हैं |


मैंने जल्दी से सड़क क्रॉस कर ली है और मेट्रो तक पहुँच गई हूँ आती बार भीड़ कम होती है इसलिए सीट मिल ही जाती है | कविताएँ पढते पढते अपने स्टेशन पहुँच चुकी हूँ जब यहाँ पहुंचती हूँ तो पुरुषों की पंक्ति काफी लम्बी हो चुकी है जो बाहर गेट से लेकर मेट्रो स्टेशन के अन्दर तक जा रही है | 
मिलते हैं कुछ और नए अनुभवों के साथ ....


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