सोमवार, 11 नवंबर 2013

हनुमान मंदिर चलिया भाग 7.

आज शनिवार है ...  2.11.2013...
आज छोटी दिवाली है ...सड़कों पर ..मेट्रो में काफी भीड़ है ... 
आज राजीव चौक पर मेट्रो से निकल कर जल्दी में गलत गेट से बाहर निकल गई ,पर उसी वक्त समझ आ गया गड़बड़ हो गई है कुछ अलग सा निकास द्वार है...
वहीँ खड़े एक कर्मचारी से पूछा मुझे वापिस इधर ही जाना है तो क्या करूँ ?
उन्होंने बताया आप दोबारा से प्रवेश कर जाएँ आपके 8 रुपये फालतू कट जायेंगे ,मैंने वैसे ही किया क्योंकि दूसरे गेट से बाहर निकल कर पता नहीं कितना दूर चलना पड़ता इसलिए यही बेहतर था ....
गेट नंबर 7 से बाहर निकल जब मोहन सिंह पैलेस के आगे पहुंची तो जैसे फूलों की बहार आ गई हो ....बहुत सारे फूल लगे हुए थे ... उत्सुकतावश पूछा भैया आज क्या है ? आज इतने फूल ...



उसने बताया कल दिवाली है तो बिक्री ज्यादा होती है ...
फूल वाले अंकल जी जिनका नाम राजीव कपूर है वो यहाँ 15 वर्षों से फूलों का काम कर रहे हैं ...
उन्होंने बताया पहले फूल ...पास में ही फूलों की मंडी थी वहां से आते थे जो एशिया की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती रही है ,परन्तु 3 वर्ष से वोह बंद हो गई है ...अब फूल गाजीपुर से आते हैं ...
यहाँ से निकलते हुए मंदिर पहुंची तो पता चला आज तो यहाँ भी 8 बजे ही इतनी भीड़ हो गई है ,फिर याद आया आज शनिवार है ....हनुमान जी का एक और ख़ास वार .....
आज भी बैरियर लगा दिया गया है महिलाएं अलग और पुरूष अलग जायेंगे ... जैसा की तस्वीर में आप देख रहे हैं ...


गर्भ गृह के अन्दर बिलकुल सामने और हनुमान प्रतिमा के बगल में आपको भगवान राम ,सीता मैया और लक्ष्मण की प्रतिमाएं नजर आती हैं उनके आगे बहुत छोटी छोटी बहुत सारी प्रतिमाएं ....


माथा दूर से ही टेक कर बाहर आ गई परिक्रमा की और घर के लिए निकल पड़ी ,मेट्रो स्टेशन पहुँच कर जल्दी से मेट्रो ली और घर आ गई |
चलिए मिलते हैं कल दीपावली की बहुत सारी खुशिओं के साथ ...





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